शनिवार, 4 जुलाई 2015

लोक कला एवं साहित्य संस्था - सिरजन

आज मोर मन मा खुशी अपार होगे,
"सिरजन" के बहाना तुहंर सकार होगे!!

०४/०७/२०१५ के लोक कला एवं साहित्य संस्था "सिरजन"  के कार्यक्रम ग्राम - अकलवारा (देवकर) मा रहिस जेन मा सबो विद्वत कवि,  साहित्यकार, संगीतकार,  कला के धनी,  अऊ सबो ग्राम वासी  उपस्थित रहिस,
वो सबो के सानिध्य मा मोर गुरूजी श्री ईश्वर साहू जी के किरपा ले महूँ ला अपन कविता " झूमरत आगे बरखा देवी" बोले के सुघ्घर अवसर मिलिस,  मै अपन गुरूजी श्री ईश्वर साहू जी ला प्रणाम करत हव!!
                               ~श्रवण साहू

1 टिप्पणी:

  1. बड़ सुग्घर मोर भाई श्रवन सिरजन म सुवागत हे।
    अऊ कविता पाठ बर बहुत बहुत बधाई।

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