सुरज की पहली किरण में भी बसा,
हम हिन्दू की मान है, स्वाभिमान है।
जलते दीपक के ज्वाला मे भी देखा,
परिचय देता, अब भी इसमें जान है।
ऋषि मुनि सन्यासी तपसी भी,
गाते है! जपते रहते इनके गुणगान है।
धर्म सीमा के कर्तव्य निष्ठ जवां भी,
कहते है हरदम, यह हमारा शान है।
हिन्दुस्तान की मिट्टी, हिन्दवासी हूँ,
सिर पर भगवा धारण,मेरा पहचान है।
✏श्रवण साहू
गुरुवार, 23 जुलाई 2015
मै हिन्दू हूँ मै भगवा धारी हूँ
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