।।। युग-संदेश ।।।
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चलो चलें अब मिलकर फिर से,
स्वतंत्र तिरंगा फहराने को।
मुक्त किये जो पराधीन से हमें
उन शहीदों के गुण गाने को।
चलो चलें अब मिलकर फिर से,
एकता के कदम बढ़ाने को।
हो गये कुर्बान हमारे खातिर,
उन्हें श्रद्धा फूल चढ़ाने को।
चलो चलें अब मिलकर फिर से,
अपनी हिम्मत दिखाने को।
कापुरूष कहते जो बैरी हमको,
वीरता उसे भी बताने को।
चलो चलें अब मिलकर फिर से,
एक नया मुकाम पाने को।
सोने की चिड़िया भारत मां में,
एक नयी दीपक जलाने को।
चलो चलें अब मिलकर फिर से,
एकता की मार्ग बनाने को।
हंसेंगे संग में रोयेंगे संग में,
एक नई सुविचार बताने को।
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।। जय हिन्द ।।*।। जय हिन्दवासी ।।
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रचना- श्रवण साहू
गांव - बरगा, बेमेतरा (छ. ग.)
मोबा. - 08085104647
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