राखी परब के गीत.......
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दीदी तोला झुलना झुलांव ²
आये राखी के तिहार,चले मया के बयार।
मन के हिंडोलना फंदांव²
दीदी तोला झुलना.....
१) बांध देबे बहिनी तै कलाई मा मोर राखी,
भाई बहिनी के मया के हावे येहा साखी।
बलिहारी तोर मैं जांव²
दीदी तोला झुलना.....
२) जाके ससुरार दीदी तैं मोला झन भुलाबे,
करबे झन पराया, सुख दुख ला बताबे।
आंखी ले आंसु बोहांव²
दीदी तोला झुलना.....
२) जिनगी भर दीदी तैंहा हांसत गावत रहिबे,
दुनिया भले ताना मारे सुनता गोठ कहिबे।
करबे सुमत के छांव²
दीदी तोला झुलना....
रचना- श्रवण साहू
गांव-बरगा जि-बेमेतरा(छ.ग.)
मोबा- +918085104647
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