चन्द लाईनें उनके नाम जो दूसरों के
मेहनत में अपनी वाह वाही बटोरते हैं-
मै भी एक कलाकार हूँ।
मानो या ना मानो सखा
माध्यम हूँ विचार फैलाने का।
सबकी रचना अपनी नाम कर,
दिल जीत लूँ मै जमाने का।
मेहनत मै न करता फिर भी,
कितने लाईक, मुझे ही आते।
मै अनोखा सा लगता हू सबको,
न जाने कितने, मुझे ही भाते।
मै सीमित हूं वेब तक ही,
वास्तविक में,मै नकलमार हूँ।
कर्ताओं के कृपा पात्र हूँ मै,
क्योंकि मैं भी एक कलाकार हूँ।
✏श्रवण साहू
गांव-बरगा थानखम्हरिया
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