बुधवार, 4 नवंबर 2015

गीत

                गीत

इंहा के माटी §§§ चन्दन हे गा
छत्तीसगढ़िन दाई ला बन्दन हे गा

१)गीत गावय कोयली तान देवय मैना-
   गुरतुर गुरतुर जिंहा के बोली बैना
मंदरस कस भाखा,दुख भंजन हे गा
                      छत्तीसगढ़ दाई......
२)पांव मढ़ावय सुरूज भिनसरहा बेरा-
  कोरा कौशल्या के अऊ शबरी के डेरा
बछर बारा घुमे जिहां,रघुनंदन हे गा
                       छत्तीसगढ़ दाई.......
३)महिमा बतावय जेखर डोंगरी पहारी-
  रूखवा नरवा तरिया तोर करय चारी
माथ नवांवय जेला,साधु सन्तन हे गा
                        छत्तीसगढ़ दाई.......

रचना- श्रवण साहू
गांव-बरगा जि-बेमेतरा
मो. - +918085104647
  

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