शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

परब देवारी मनावय


            परब देवारी मनावय

घर अंगना ला,निक निक सजावय रे संगी
परब देवारी मनावय,परब देवारी मनावय

चार दिन एकतऊहा दिन देवारी ले,
            उजरावय घर अंगना ला सुवारी
महतारी मन तारी पीट सुवा नाचय,
             जावय घर - घर सबके दुवारी
मोहरी दफड़ा बाजे गुदुम मनला भारी भावय
परब देवारी मनावय, परब देवारी मनावय

उमंग भराये आज सबो के हिरदे मा
           नवा कपड़ा अऊ गहना बिसाये
धनतेरस के दिन लक्ष्मी दाई के
           जूरमिल सुमर सुमर जस गाये
मंदिर मंदिर घर घर म सूरति दिया जलावय
परब देवारी मनावय, परब देवारी मनावय

गऊरा चौरा मा गऊरी गऊरा के
               सुग्घर मिलके बिहाव मढ़ाये
संझौती बेरा घर घर मा जाके
               गऊ दाई ला खिचरी खवाये
भाईदूज भाई चारा बर मंडई मातर रचावय
परब देवारी मनावय, परब देवारी मनावय।

रचना-श्रवण साहू
गांव-बरगा जि.-बेमेतरा
मोबा. +918085104647

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